भक्तिन : महादेवी वर्मा CLASS : XII पाठ 11
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
पाठ के साथ
प्रश्न 1. भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?
प्रश्न 2. दो कन्या रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र-महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है? क्यों इससे आप सहमत हैं?
उत्तर - हाँ मैं इस बात से बिलकुल सहमत हूँ। जब भक्तिन अर्थात् लछिमन ने दो पुत्रियों को जन्म दिया तो उसके ससुराल वालों ने उस पर घोर अत्याचार किए। उसकी जेठानियों ने उस पर बहुत जुल्म ढाए। इसी कारण उसकी बेटियों को दिन भर काम करना पड़ता था। इन सभी बातों से सिद्ध होता है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन है। उसकी जेठानियों ने तो जमीन हथियाने के लिए लछमिन की विधवा बेटी से अपने भाई का विवाह करने की योजना बनाई, जब यह योजना नहीं सफल हुई तो लछमिन पर अत्याचार बढ़ते गए।
प्रश्न 3. भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?
प्रश्न 4. भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं। लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर - जब भक्तिन लेखिका के घर काम करने आई तो वह सीधी-सादी, भोली-भाली लगती थी लेकिन ज्यों-ज्यों लेखिका के साथ उसका संबंध और संपर्क बढ़ता गया त्यों-त्यों वह उसके बारे में जानती गई। लेखिका को उसकी बुराइयों के बारे में पता चलता गया। इसी कारण लेखिका को यह लगा कि भक्तिन अच्छी नहीं है। उसमें कई दुर्गुण हैं अतः उसे अच्छी कहना और समझना लेखिका के लिए कठिन है।
प्रश्न 5. भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है?
प्रश्न 6. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई?
उत्तर - भक्तिन के आ जाने से महादेवी ने लगभग उन सभी संस्कारों को, क्रियाकलापों को अपना लिया जो देहातों में अपनाए जाते हैं। देहाती की हर वस्तु, घटना और वातावरण का प्रभाव महादेवी पर पड़ने लगा। वह भक्तिन से सब कुछ जान लेती थी ताकि किसी बात की जानकारी अधूरी न रह जाए। धोती साफ़ करना, सामान बांधना आदि बातें भक्तिन ने ही सिखाई थी। वैसे देहाती भाषा भी भक्तिन के आने के बाद ही महादेवी बोलने लगी। इन्हीं कारणों से महादेवी देहाती हो गई।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे दिए गए विशिष्ट भाषा-प्रयोगों के उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए और इनकी अर्थ-छवि स्पष्ट कीजिए
(क) पहली कन्या के दो संस्करण और कर डाले
(ख) खोटे सिक्कों की टकसाल जैसी पत्नी
(ग) अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण
उत्तर -
1. किसी पूर्व-प्रकाशित पुस्तक को पुन: प्रकाशित करना उसका नया संस्करण कहलाता है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता। भक्तिन ने एक कन्या के बाद पुन: दो और कन्याएँ पैदा कीं। ‘संस्करण’ से तात्पर्य यह है कि उसने एक लिंग की संतान को जन्म दिया।
2. टकसाल सिक्के ठालने वाली मशीन को कहते हैं। भारतीय समाज में ‘लड़के’ को खरा सिक्का तथा लड़कियों को ‘खोटा सिक्का’ कहा जाता है। समाज में लड़कियों का कोई महत्व नहीं होता। भक्तिन को खोटे सिक्कों की टकसाल की संज्ञा दी गई है क्योंकि उसने एक के बाद एक तीन लड़कियाँ उत्पन्न कीं, जबकि समाज पुत्र जन्म देने वाली स्त्रियों को महत्व देता है।
3. भक्तिन अपने पिता की मृत्यु के कई दिन बाद पहुँची। उसे सिर्फ़ पिता की बीमारी के बारे में बताया गया था। जब वह अपने मायके के गाँव की सीमा में पहुँची तो लोग कानाफूसी करते हुए पाए गए कि बेचारी लछमिन अब आई है। आमतौर पर शोक की खबर प्रत्यक्ष तौर पर नहीं कही जाती। कानाफूसी के जरिए अस्पष्ट शब्दों में एक ही बात बार-बार कही जाती है। इन्हें लेखिका ने अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ कहा है। पिता की मृत्यु हो जाने पर लोग उसे सहानुभूतिपूर्ण दृष्टि से देख रहे थे तथा ढाँढ़स बँधा रहे थे। ये बातें स्पष्ट तौर पर की जा रही थीं, अत: उन्हें स्पष्ट सहानुभूति कहा गया है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भक्तिन की शारीरिक बनावट कैसी थी?
उत्तर - भक्तिन का कद छोटा था। उसका शरीर दुबला-पतला था। वह गरीब लगती थी। उसके होंठ पतले थे एवं आँखें छोटी थीं। इन सारी बातों से पता चलता है कि उसकी शारीरिक बनावट कुल मिलाकर 50 वर्षीया स्त्री की थी लेकिन वह बूढ़ी नहीं लगती थी।
प्रश्न 2. महादेवी जी ने भक्तिन के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर - महादेवी वर्मा भक्तिन के बारे में लिखती हैं-सेवक धर्म में हनुमान जी से स्पर्धा करने वाली भक्तिन किसी अंजना की पुत्री न होकर एक अनामधन्या गोपालिका की कन्या है। नाम है लछमिन अर्थात् लक्ष्मी। पर जैसे मेरे नाम की विशालता मेरे लिए दुर्वह है, वैसे ही लक्ष्मी की समृधि भक्ति के कपाल की कैंचित रेखाओं में नहीं बँध सकी।
प्रश्न 3. भक्तिन की कितनी संतानें थीं? उनका जीवन कैसा था?
उत्तर - भक्तिन ने तीन बेटियों को जन्म दिया। इन तीनों बेटियों के कारण भक्तिने को जीवन भर दुख उठाने पड़े। सास और जेठानियाँ सभी उसे तंग करती रहती। उनकी बेटी को हर वक्त काम में लगाएं रखती। कोई भी नहीं चाहता था कि भक्तिन की बेटियाँ सुखी रहें।
प्रश्न 4. भक्तिन दुर्भाग्यशाली क्यों थी?
उत्तर - भक्तिन का पति उस समय मरा जब वह केवल 36 वर्ष की थी। वह तीन बेटियों को जन्म देकर चला गया। इस कारण भक्तिन को बहु कष्ट उठाने पड़े। भक्तिन की बेटी विवाह के कुछ वर्ष बाद विधवा हो गई। उसके जेठ जेठानियाँ सभी उसकी संपत्ति हड़पने की योजना बनाने लगे।
प्रश्न 5. भक्तिन का स्वभाव कैसा था?
उत्तर - यद्यपि भक्तिन मेहनती स्त्री थी लेकिन उसमें चोरी करने की आदत थी। जब वह महादेवी वर्मा के घर का कार्य करने आई तो वह घर में रखे खुले पैसे रुपये उठा लेती। उसने कभी सच नहीं बोला। वास्तव में उसमें कई दुर्गुण थे।
प्रश्न 6. पाठ के आधार पर भक्तिन की तीन विशेषताएँ बताइए। (CBSE-2012, 2017)
उत्तर - भक्तिन की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(क) जुझारू – भक्तिन जुझारू महिला थी। उसने कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना किया। शादी के बाद ससुराल में मेहनत से खेतीबाड़ी की। पति की मृत्यु के बाद बेटियों की शादी की। समाज के भेदभावपूर्ण व्यवहार का कड़ा विरोध किया।
(ख) भाग्य से पीड़ित – भक्तिन मेहनती थी, परंतु भाग्य उसके सदैव विपरीत रहा। बचपन में माँ की मृत्यु हो गई थी। विमाता का देश उसे हमेशा झालता रहा। ससुराल में तीन पुत्रियों का जन्म देने के कारण उपेक्षा मिली। पति की अकाल मृत्यु हुई। फिर दामाद की मृत्यु व परिवार के षड्यंत्र ने उसे तोड़कर रख दिया।
(ग) सेवाभाव – भक्तिन महादेवी की सेविका थी। वह छाया के समान हर समय महादेवी के साथ रहती थी। महादेवी के कार्य को खुशी से करती थी।
प्रश्न 7. भक्तिन व लेखिका के बीच कैसा संबंध था।
अथवा
‘महादेवी वर्मा और भक्तिन के संबंधों की तीन विशिष्टताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - भक्तिन व लेखिका के बीच नौकरानी या स्वामिनी का संबंध नहीं था। वे आत्मीय जन की तरह थे। स्वामी अपनी इच्छा होने पर भी उसे हटा नहीं सकती थी( स्वामी अपनी इच्छा होने पर भी उसे हटा नहीं सकती। सेवक भी स्वामी के चले जाने के आश पाकर अवज्ञा से हँस दे। भक्तिन को नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अँधेरे-उजाले और आँगन में फूलो वाले गुलाब और आम को सेवक मानना। जिस प्रकार एक अस्तित्व रखते है जिसे सार्थकता देने के लिए ही हमें सुख-दुख देते हैं, उसी प्रकार भक्तिन का स्वतंत्र व्यक्तित्व अपने विकास के लिए लेखिका के जीवन को घेरे है।
प्रश्न 8. ‘भक्तिन’ अनेक अवगुणों के होते हुए भी महादेवी जी के लिए अनमोल क्यों थी?
उत्तर - भक्तिन उनके अवगुणों के होते हुए भी महादेवी के लिए अनमोल थी क्योंकि
1. वह लेखिका के हर कष्ट को लेने को तैयार थी।
2. वह लेखिका की सेवा करती थी।
3. लेखिका के पास पैसे की कमी की बात सुनकर वह जीवन भर की अपनी कमाई उसे देना चाहती थी।
प्रश्न 9. ‘भक्तिन’ और ‘महादेवी’ के नामों में क्या विरोधाभास था?
उत्तर - ‘भक्तिन’ का असली नाम लक्ष्मी था। वह अपना नाम छिपाती थी क्योंकि उसे कभी समृद्ध नहीं मिली। उसके भक्ति भाव को देखकर लेखिका ने उसे ‘भक्तिन’ कहना शुरू कर दिया। लेखिका को अपना नाम महादेवी था। वह किसी भी दृष्टि से । देवी के समकक्ष नहीं थी। दोनों के नामों वे उसके गुणों में कोई तारतम्य नहीं था।
प्रश्न 10. भक्तिन का अतीत परिवार और समाज की किन समस्याओं से जूझते हुए बीता है? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर - भक्तिन का जीवन सदैव परेशानी भरा रहा। बचपन में माँ की मृत्यु हो गई थी। विमाता ने उससे भेदभाव किया। विवाह के बाद उसकी तीन लड़कियाँ हुई जिसके कारण सास व जेठानियों ने उसके व लड़कियों के साथ भेदभाव किया। 36 वर्ष की आयु में पति की मृत्यु हो गई। ससुराल वालों ने संपत्ति हड़पने के तमाम प्रयास किए, परंतु उसने बेटियों की शादी की। एक घरजमाई बनाया, परंतु दुर्भाग्य से वह शीघ्र मृत्यु को प्राप्त हो गया। इसके बाद ससुराल वालों ने मिलकर उसकी विधवा पुत्री का बलात्कार कराने की कोशिश की। पंचायत ने बलात्कारी के साथ ही लड़की का विवाह जबरन कर दिया। इसके बाद भक्तिन की संपत्ति का विनाश हो गया
प्रश्न 11. भक्तिन की बेटी के मानवाधिकारों का हनन पंचायत ने किस प्रकार किया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - भक्तिन ने घरजमाई रखा। वह अकालमृत्यु को प्राप्त हो गया। उसके जेठ के परिवार वाले संपत्ति हडपना चाहते थे. परंतु सारी जायदाद लड़की के नाम थी, लड़की के ताऊ के लड़के के तीतरबाज़ साले ने उससे जबरदस्ती करने की कोशिश की। लक्ष्मी ने उसकी खूब पिटाई की। जेठ ने पंचायत में अपील की। वहाँ भी भ्रष्टतंत्र था। उन्होंने लड़की की न सुनकर अपीलहीन फैसले में उसे तीतरबाज युवक के साथ रहने का फैसला सुनाया। यह मानवाधिकारों का हनन था। दोषी को सजा न देकर उसे इनाम मिला।
प्रश्न 12. भक्तिन नाम किसने और क्यों दिया? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर- भक्तिन को यह नाम लेखिका ने दिया। भक्तिन का असली नाम लक्ष्मी था। वह अपने नाम को छिपाना चाहती थी क्योंकि उसके पास धन नहीं था। लेखिका ने उसके गले में कॅठीमाला देखकर यह नामकरण कर दिया। वह इस कवित्वहीन नाम को पाकर गदगद हो उठी थी।
प्रश्न 13. ‘भक्तिन वाक्पटुता में बहुत आगे थी’, पाठ के आधार पर उदाहरण देकर पुष्टि कीजिए।
उत्तर - यह कथन सही है कि भक्तिन वाक्पटुता में बहुत आगे थी। उसके पास हर बात का सटीक उत्तर तैयार रहता था। लेखिका ने जब उसको सिर घुटाने से रोका तो उसका उत्तर था – तीरथ गए मुंडाए सिद्ध’ इसी तरह उसके बनाएँ खाने पर कटाक्ष करने पर उसने उत्तर दिया – वह कुछ अनाड़िन या फूछड़ नहीं। ससुर, पितिया ससुर, अजिया सास आदि ने उसकी पाक कुशलता के लिए न जाने कितने मौखिक प्रमाणपत्र दे डाले थे।
प्रश्न 14 – पढ़ाई से बचने के लिए भक्तिन ने क्या तर्क देकर पीछा छुड़ाया?
उत्तर – लेखिका को समझ नहीं आता कि भक्तिन मूर्ख है या विद्या-बुद्धि का महत्त्व नहीं जानती, यह कहना असत्य कहना है। अपने विद्या के अभाव को भक्तिन लेखिका की पढ़ाई-लिखाई पर अभिमान करके भर लेती है। एक बार जब लेखिका ने सब काम करनेवालों से अँगूठे के निशान के स्थान में हस्ताक्षर लेने का नियम बनाया तब भक्तिन बड़े कष्ट में पड़ गई, क्योंकि एक तो उससे पढ़ने की मुसीबत नहीं उठाई जा सकती थी, दूसरे सब गाड़ीवान दाइयों के साथ बैठकर पढ़ना उसकी वयोवृद्धता का अपमान था। अतः उसने कहना आरंभ किया कि उसकी मलकिन तो रात-दिन किताबों में गड़ी रहती हैं। अब अगर वह भी पढ़ने लग जाए तो घर कामों को कौन करेगा। पढ़ाने वाले और पढ़ने वाले दोनों पर इस तर्क का ऐसा प्रभाव पड़ा कि भक्तिन इंस्पेक्टर के समान क्लास में घूम-घूमकर किसी के आ इ की बनावट किसी के हाथ की मंथरता, किसी की बुद्धि की मंदता पर टीका-टिप्पणी करने का अधिकार पा गई। उसे तो अँगूठा निशानी देकर वेतन लेना नहीं होता, इसी से बिना पढ़े ही वह पढ़ने वालों की गुरु बन बैठी।
भक्तिन : महादेवी वर्मा CLASS : XII एमसीक्यू MCQ बहु विकल्पीय प्रश्न
CCT
BASE QUESTIONS
अभिकथन /
कारण आधाररत प्रश्न
SET-1
1 अभिकथन-(A) विमाता ने लक्ष्मी को पिता की मौत का समाचार नहीं दिया |
कारण- (R) लक्ष्मी से विमाता ईर्ष्या करती थी |
विकल्प
(क) A और R दोनों सत्य हैं और R,A की सही व्याख्या
करता है |
(ख) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R,A की सही व्याख्या
नहीं है
(ग) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
(घ) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
उत्तर – (क)
2 अभिकथन-(A)“हाय लछमिन तुम अब आई’’ कथन में व्यंग्य है-
कारण-(R) लछमिन के मायके देर से आने पर |
(क) A और R दोनों सत्य हैं और R,A की सही व्याख्या
करता है |
(ख) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R,A की सही व्याख्या
नहीं है
(ग) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
(घ) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
उत्तर-(क)
3 अभिकथन-(A) बड़े जेठ का लड़का भक्तिन की बड़ी बेटी से अपने साले की शादी कराना चाहता था |
कारण- (R) संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से |
(क) A और R दोनों सत्य हैं और R,A की सही व्याख्या
करता है |
(ख) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R,A की सही व्याख्या
नहीं है
(ग) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
(घ) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
उत्तर (क)
4 अभिकथन-(A) लेखिका ने ऐसा क्यों कहा भक्तिन और मेरे बीच सेवक स्वामी का संबंध नहीं है ?
कारण- (R) ऐसा कोई भी स्वामी नहीं होगा जो चाहते हुए भी सेवक को हटा न सके |
(क) A और R दोनों सत्य हैं और R,A की सही व्याख्या
करता है |
(ख) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R,A की सही व्याख्या
नहीं है
(ग) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
(घ) A सत्य है, लेकिन R असत्य है |
उत्तर – (क)
अति महत्वपूर्ण MCQs बहुविकल्पीय प्रश्न
SET-1
भक्तिन
1. भक्ति के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख हुआ है
क) उसके निस्वार्थ सेवाभाव के कारण
ख) उसके परश्रमी होने के कारण
ग) उसके नाम के विरोधाभास के कारण
घ) उसकी वेशभूषा के कारण
2. भक्तिन की विमाता ने पिता की बीमारी का समाचार देर
से भेजा क्योंकि वह-
क) उसे दुखी नहीं करना चाहती थी
ख) उससे ईर्ष्या करती थी
ग) उसके प्रति स्नेह रखती थी
घ) भक्तिन काफी दूर रहती थी
3. सास द्वारा भक्तिन को उसके मायके भेजकर उस पर किया गया अप्रत्याशित अनुग्रह था
क) सद्भावनापूर्ण कृत्य
ख) प्रत्यक्ष कृपा
ग) अप्रत्यक्ष छल
घ) षड्यंत्रकारी कार्य
4. भक्ति के जीवन के दूसरे परिच्छेद में किस कारण उसकी उपेक्षा प्रारंभ हो गई
क) उसने तीन पुत्रियों को जन्म दिया था
ख) उसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी
ग) उसने दूसरे विवाह के लिए मना कर दिया था
घ) उसने अपनी संपत्ती जेठों को देने से मना कर दिया था
5. लेखिका ने भक्तिन के जीवन को कितने परिच्छेद में विभाजित किया है-
क)पांच
ख)तीन
ग) दो
घ) चार
6. भक्तिन ने लेखिका के समक्ष किस रहस्य को उजागर किया-
क) उसके पास पााँचबीसी और पााँच रुपया गड़ा रखा है।
ख) छात्रावास की बालिकाएं उससे चाय बनवाती हैं।
ग) युद्ध के दौरान उसके गांव में शरण ली जाए।
घ) वह अपने गांव में पाककला में कुशल है।
7. भक्तिन के संस्कार ऐसे हैं कि वह......... से वैसे ही डरती है जैसे.......से।
क) यमलोक, कारागार
ख) लेखिका , जेठानियों
ग) कारागार, यमलोक
घ) सास, विमाता
8. कवियों के संबंध में भक्तिन की क्या मान्यता है?
क) वह उनका सम्मान करती थी ।
ख) वह उन्हें व्यर्थ का व्यक्ति मानती थी।
ग) वह उनके प्रति अपार श्रद्धा रखती थी ।
घ) वह उन्हें परेशान करना चाहती थी ।
9. लेखिका के सार् पहाड़ी तंग रस्तों एवं गांव की पगडंडी पर भक्तिन के चलने का क्रम क्रमशः था
क) आगे, पीछे
ख) पीछे, आगे
ग) साथ साथ
घ) बिना किसी नियत क्रम के
10. भक्ति लेखिका के साथ कहीं ना जा सकने की संभावना से स्वयं को महसूस करती है-
क) अपमानित
ख) सुरक्षित
ग) प्रफुल्लित
घ) प्रताड़ित
उत्तरमाला
बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर
1. क
2. ख
3. ग
4. क
5. घ
6. क
7. ग
8. ख
9. क
10. क
अति महत्वपूर्ण वैकल्पिक प्रश्न
- “भक्तिन” पाठ की लेखिका कौन
है – महादेवी वर्मा जी
- “भक्तिन” संस्मरण महादेवी
वर्मा की किस कृति में संकलित है – स्मृति की रेखाएं
- भक्तिन किस विधा में लिखा गया हैं – आत्मसंस्मणात्मक
रेखाचित्र
- “भक्तिन” पाठ में मूलत: किन
सामाजिक समस्याओं का उल्लेख किया गया है – अशिक्षा अंधविश्वास ,
विधवा समस्या व लड़के और लड़कियों में भेदभाव
- भक्तिन , महादेवी वर्माजी से कितने
वर्ष बड़ी थी – लगभग 25 वर्ष
- महादेवी वर्मा जी ने भक्तिन के जीवन को
कितने परिच्छेदों (भागों) में विभक्त किया है – 4
- भक्तिन पाठ के आधार पर पंचायतों की क्या
तस्वीर उभरती है – पंचायतें गूंगी , लाचार और अयोग्य थी।
- भक्तिन कौन थी – महादेवी वर्मा जी की
देहाती सेविका
- भक्तिन का वास्तविक नाम क्या था – लछमिन
(लक्ष्मी)
- भक्तिन का शूरवीर पिता किस गांव का रहने
वाला था – झूसी
- भक्तिन का विवाह किस
गांव में हुआ था – हँडिया
- भक्तिन का विवाह किस आयु में हुआ था – 5
- भक्तिन का गौना किस
उम्र में हुआ था – नौ वर्ष (9)
- भक्तिन की कितनी जेठानियाँ थी – दो
- भक्तिन का कद व आंखें
कैसी थी – छोटी आंखें , छोटा कद
- भक्ति के पति की मृत्यु के समय , भक्तिन
की उम्र कितनी थी – 29 वर्ष
- भक्तिन के पति की मृत्यु किस उम्र में हुई
– 36 वर्ष में
- “तुषारपात” का शाब्दिक अर्थ
क्या है – ओले गिरना
- भक्तिन की कितनी बेटियां थी – 3
- भक्तिन की विशेषताएं बताइए – वह परिश्रमी व
स्वाभिमानी सेविका थी
- भक्तिन में कौन सा भाव प्रबल था – स्वाभिमान
- पाठ के अनुसार “खोटे सिक्कों की टकसाल” का
क्या अर्थ है – कन्याओं को जन्म देने वाली महिला या पत्नी
- पाठ में “खोटे सिक्कों की टकसाल” किसे कहा
गया है – भक्तिन को
- भक्तिन का (लछमिन से भक्तिन) नामकरण किसने
किया – महादेवी वर्मा
- महादेवी वर्माजी ने
लछमिन को “भक्तिन” कहना क्यों आरंभ कर दिया – उसके गले में कंठी माला देखकर
- भक्तिन ने लेखिका से क्या प्रार्थना की –
उसे उसके वास्तविक नाम (लछमिन) से न बुलाने की
- लछमिन ने लेखिका से उसका असली नाम न प्रयोग
करने की विनती क्यों की – क्योंकि वह अपने नाम के विपरीत बहुत गरीब थी
- “वह अपना समृद्धि सूचक नाम
किसी को बताना नहीं चाहती थी”। यहां किस नाम को समृद्धि सूचक कहा गया है –
लक्ष्मी (धन की देवी)
- भक्तिन किसके लिए लड़ाई लड़ती रहती थी –
अपनी बेटियों के हक के लिए
- भक्तिन किस प्रकार का भोजन बनाती थी – सीधा
– साधा , सरल व सात्विक
- उसे किसी अन्य का कहां आना पसंद नहीं था –
अपनी रसोई घर में
- भक्तिन किसके समान लेखिका के साथ लगी रहती
थी –
छाया के समान
- ससुराल में भक्तिन के साथ उसके पति का
व्यवहार कैसा था – बहुत अच्छा
- भक्तिन घरवालों की उपेक्षा के बाद भी
“सौभाग्यशाली” क्यों थी – क्योंकि उसका पति उसे कभी डाँटता या उसके साथ अभद्र
व्यवहार नहीं करता था।
- भक्तिन अपने पति को क्या संबोधन कर याद
करती थी – बुढ़ऊ
- “वह बड़े बाप की , बड़ी बात वाली बेटी को पहचानता था” , यह
कथन किसके लिए कहा है – भक्तिन के पति के लिए
- जेठानिया , भक्तिन के साथ कैसा
व्यवहार करती थी – क्रूरता भरा
- भक्तिन को दूसरा विवाह करने के लिए कौन
उकसाता था – जेठ – जेठानी
- भक्तिन के ससुराल वालों ने उसके पति की
मृत्यु के बाद , उसे पुनर्विवाह करने के लिए क्यों कहा – ताकि वो भक्तिन का घर ,
जमीन व संपत्ति हड़प सकें
- हमारा समाज विधवाओं के साथ कैसा व्यवहार
करता है – असम्मान पूर्ण
- तीन -तीन कमाऊ वीरों की विधात्री (जन्म
देने वाली मां) बनकर मचिया के ऊपर पुरखिन (बुजुर्ग पूर्वज महिला) बनकर कौन
विराजमान रहती थी –
भक्तिन की सास
- भक्तिन की जेठानियाँ आपस में बैठकर कैसी
चर्चा करती थी – लोक चर्चा
- भक्तिन के हरे – भरे खेत , मोटी
ताजी गाय – भैंस और फलों से लदे पेड़ों को देखकर किसके मुंह में पानी आ जाता
था – जेठ -जेठानी
- सास ने भक्तिन को , उसके
पिता की मृत्यु की खबर क्यों नहीं दी- रोने धोने
के अपशकुन से बचने के लिए
- भक्तिन के आने के बाद , महादेवी
वर्मा अपने आपको क्या मानने लगी थी – देहाती
- भक्तिन का परम कर्तव्य क्या था – हर
प्रकार से लेखिका को खुश रखना
- सेवक धर्म में भक्तिन की तुलना किससे की गई
है-
हनुमान जी से
- भक्तिन के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख
क्यों हुआ है – सेवा भाव के लिए
- लेखिका को भक्तिन क्या मानने लगी थी – अपनी
संरक्षिका
- भक्तिन , लेखिका को बिना बताएं घर
में बिखरे हुए पैसों को उठाकर कहां रख देती थी – भंडार गृह की मटकी में
- किस रहस्य के बारे में पूछे जाने पर वह
शास्त्रार्थ की चुनौती दे डालती थी – इधर -उधर पड़े पैसों को भंडार गृह की मटकी में रखने के संबंध में
- भक्तिन के शास्त्रार्थ की चुनौती को
स्वीकार करना , किसके लिए भी संभव नहीं था – तर्क शिरोमणि के लिए
- भक्तिन को किस बात का दुःख होता था –
चित्रकला और कविता लिखने के दौरान लेखिका की किसी प्रकार की कोई सहायता न कर
पाने का
- लेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन
कहां बैठी रहती थी – जमीन में दरी बिछा कर
- लेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन उनके सामने बैठकर क्या
करती थी – उन्हें क्रियात्मक सहयोग देती थी
- लेखिका का भक्तिन के साथ किस प्रकार का
संबंध बन गया था – लेखिका ने भक्तिन को अपने ही परिवार का सदस्य मान लिया था
- भक्तिन धीरे-धीरे लेखिका को किस तरह लगने
लगी – एक अभिभावक की तरह
- अजिया ससुर किसे कहते हैं – पति के दादा को
- भक्तिन बिना पढ़े ही , पढ़ने
वालों की क्या बन गई थी – गुरु
- भक्तिन , लेखिका को कैसी चाय
बना कर देती थी – तुलसी की
- भक्तिन लेखिका को दही का शरबत या तुलसी की
चाय कब बना कर देती थी – जब वह बहुत व्यस्त होती थी
- किस बेटी के पति को भक्तिन ने घर दामाद
बनाया – बड़ी बेटी के
- बड़े दामाद की मृत्यु के बाद , जिठौत
ने भक्तिन की बेटी से विवाह करने के लिए किसे बुलाया – अपने तीतर लड़ाने वाले
साले को
- युवक (जिठौत के साले) के
गाल पर युवती (भक्तिन की बेटी) के पांच अंगुलियों
के निशान किस बात के गवाह थे – तीतर बाज युवक दोषी था
- भक्तिन की विधवा बेटी के न चाहने पर भी
उसका दूसरा विवाह कैसे हुआ – धोखे से
- भक्तिन की बेटी और जेठ के साले के लिए
पंचों ने क्या फैसला सुनाया – दोनों को पति पत्नी माना
- भक्तिन की बेटी के संबंध में पंचों का
फैसला कैसा था – दुर्भाग्यपूर्ण , अन्यायपूर्ण और एक तरफा
- बेमेल विवाह का क्या परिणाम हुआ – दोनों
में अनबन का कारण बना
- बेटी के दूसरे विवाह के बाद , भक्तिन
की आर्थिक स्थिति कैसी हो गई थी – बहुत खराब
- लगान न चुका पाने के कारण भक्तिन को क्या
सजा मिली – उसे दिन भर धूप में खड़ा रहना पड़ा
- भक्तिन ने दुखी होकर क्या किया- गाँव
छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख किया
- अपमानित होने के बाद , अकेले
ही गाँव छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख करना , भक्तिन
के स्वभाव की कौन सी विशेषता बताता है – स्वाभिमानी और मेहनती
- भक्तिन के जीवन के किस परिच्छेद को अंतिम
परिच्छेद कहा है-
चौथे (4th)
- चौथा परिच्छेद कब शुरू होता है – लेखिका के
घर नौकरी करने से बाद
- पहले दिन भक्तिन ने लेखिका को खाने में
क्या दिया – गाढी दाल और चार मोटी रोटियां
- लेखिका ने क्या-क्या खाया – थोड़ी दाल और
सिर्फ एक रोटी
- लेखिका ने यह किसके लिए कहा है ,” टेढ़ी
खीर है और दूसरों को अपने अनुसार बना लेना चाहती है” – भक्तिन के लिए
- भक्तिन का बनाया देहाती खाना खाकर लेखिका
खुद को क्या कहने लगी – देहातिन
- “सिर -घुटाना” का क्या अर्थ
है – सिर के बाल उतरवाना
- भक्तिन की हर वीरबार होने वाली “सिर
-घुटाना” प्रक्रिया को लेखिका ने क्या नाम दिया – बाल चूड़ाकर्म
- “तीर्थ गए मुंडाए सिद्ध”
किसका कथन है – भक्तिन का
- लेखिका के मित्र व संबंधियों को भक्तिन
कैसे याद करती थी – उनके अपभ्रंश नामों से
- भक्तिन लंबे बाल वालों को क्या कहती थी –
कवि
- भक्तिन किससे सबसे ज्यादा डरती थी – जेल या
कारागार जाने से
- भक्तिन जेल जाने से डरती थी परंतु लेखिका
के जेल जाने पर वह क्या करना चाहती थी – उनके साथ जेल जाना चाहती थी
- लेखिका के साथ जेल जाने के लिए , वह
किससे लड़ने को तैयार थी – वायसराय (लाट) से
- पिछले वर्ष किस भय से भक्तिन ने उन्हें
गांव चलने को कहा – युद्ध के भय से
- छात्रावास की लड़कियों के लिए भक्तिन , क्या
बना दिया करती थी – चाय नाश्ता
- पहाड़ी तंग रास्तों में या बद्री
केदार के दुर्गम मार्ग में भ्रमण के समय , भक्तिन
लेखिका के कहां रहती थी – आगे
- धूल भरे रास्तों में वह कहां रहती थी –
पीछे का
- लोगों के यह पूछने पर कि , वो
लेखिका के यहां कितने समय से रहती है। भक्तिन उन्हें क्या जवाब देती थी –
पिछले 50 बरस से
- भक्तिन की कहानी को लेखिका अधूरी क्यों
रखना चाहती थी – क्योंकि वह भक्तिन को खोना नहीं चाहती थी।
- “भक्तिन की कहानी अधूरी है
पर उसे खोकर मैं इसे पूरा नहीं करना चाहती”। लेखिका
के इस कथन के पीछे क्या कारण है – भक्तिन के अंत को स्वीकार ना करना
- भक्तिन कहती थी कि ………के बुलावे को हम
दोनों में से कोई भी ठुकरा नहीं पाएगा – मौत के
- “कुकुरी -बिलारी” का क्या अर्थ है – कुत्ता बिल्ली
- सोना , बसंत और गोधूलि कौन है –
हिरनी , कुत्ता और बिल्ली
- “देहातिन वृद्धा” किसे कहा गया है – भक्तिन को
- गांव में भक्तिन लकड़ी रखने के मचान पर धान
के पुआल से क्या बनाना चाहती थी – सोने का स्थान
- भक्तिन ने कितने रुपए छुपाकर गांव में रखे
थे – पांच बीसी और पांच रुपया
- किसके बल पर भक्तिन अपने जीवन के संघर्ष को
जीत गई – अपनी मेहनत व स्वाभिमान के बल पर
- लेखिका के लिए आंगन में खिलने वाला गुलाब
और आम , सेवक क्यों नहीं थे – क्योंकि इनका अपना
स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
- आम और गुलाब की समानता किससे की गई है –
अंधेरे और उजाले से
- “पर जैसे मेरे नाम की
विशालता , मेरे लिए दुर्वह है। … “। इस पंक्ति में “मेरे” शब्द किसके लिए प्रयोग हुआ है – लेखिका के लिए
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